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पटना सूचना के अधिकार अधिनियम में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को एक महीने में जबाव देने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सूचना के अधिकार अधिनियम को 19 नवंबर को संशोधित कर दिया। संशोधन के बाद से प्रत्येक जानकारी के लिए 10 रूपये का स्टांप लगाने की आवश्यकता पड़ रही है। अर्थात 10 रूपये पर केवल एक ही जानकारी विभाग से ली जा सकती है। पहले एक आवेदन पर अनेक तरह की जानकारी ले ली जाती थी। इतना ही नहीं संशोधन के बाद गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को भी शुल्क लगाने की व्यवस्था की गयी है। इस पर चैतन्य की ओर से दायर याचिका में पक्ष रखते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार को ही सूचना के अधिकार में संशोधन करने का अधिकार है। याचिकाकर्ता ने मुख्य सूचना आयुक्त अशोक कुमार चौधरी की नियुक्ति को भी चुनौती दी थी। इस पर अदालत ने कहा कि एक याचिका में एक ही सवाल उठाये जाए।
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