Monday, February 15, 2010
सूचना का अधिकार पर सरकार गंभीर नहीं
नहीं मिल रही है जनता को दफ्तरों से सूचना
Feb 15/02/2010
पटना बिहार सूचना का अधिकार मंच ने रविवार को गांधी संग्रहालय में एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को विधिवत कैसे शुरू किया जाए इस पर चर्चा हुई। मंच की संयोजिका परवीन अमानुल्लाह ने बताया कि विभिन्न सरकारी कार्यालय एवं विभागों से जनता को सूचना नहीं मिल रही है। इस स्थिति को सरकार व्यापक ढंग से सुधारे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की एक लंबी सूची है, जिसे बिहार सूचना का अधिकार मंच ने सरकार के हवाले की थी। सूचना के अधिकार का प्रयोग करने वालों को प्रताड़ित किया गया, मारा पीटा गया, अपराधिक मामले लगाए गए, लेकिन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई आज तक नहीं की। उन्होंने बताया कि सूचना का अधिनियम 2005 के नियम में बिहार में जो संशोधन 2009 में किया गया है, वह सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की उद्देशिका का विरोधी है, अमानवीय है और हमारे संविधान के मौलिक अधिकार का हनन करता है। ऐसे संशोधन को वापस लिया जाए। बैठक में इसके अलावे कई ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा हुई।
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